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Ministry of Coal conducts workshop on way ahead for Jharia and Raniganj Master Plan

The Ministry of Coal , Govt. of India, organized a day-long workshop on “way ahead for Jharia and Raniganj Master Plan” at Central Coalfields Limited, a Jharkhand-based subsidiary of Coal India Ltd. today. The workshop was aimed at expediting rehabilitation of affected families to safer locations in Jharia (Jharkhand) and Raniganj (West Bengal).

To avoid any natural mishaps at Jharia and Raniganj coalfields in Jharkhand and West Bengal, a master plan was drawn to rehabilitate the affected families to a safer location. Bharat Coking Coal Ltd(BCCL) and Eastern Coalfields Ltd(ECL)- both subsidiaries of Coal India- have active mines in Jharia and Raniganj respectively.

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चौथान क्षेत्र में अतिवृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त* 
*डांग, स्यूंसाल गांव में बादल फटने से भारी तबाही*
*किंवाड़ी, जैंती, डडोली गांव में खेत, पुल बहे* 
चौथान समाचार 01 अगस्त 2024 
31 जुलाई 2024 की शाम पांच बजे से आठ बजे तक अतिवृष्टि से चौथान क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गनीमत है की अतिवृष्टि से कोई जन हानि नहीं हुई है परन्तु निजी एवं सार्वजनिक सम्पति को खासा नुकसान हुआ है।  क्षेत्र को थैलीसैण-नागचुला से जोड़ने वाली मुख्य सड़क जग- जगह क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे  यातायात पूरी तरह बाधित है। 
इस बीच चौथान पट्टी के डांग और स्यूंसाल गांव में दो जगह बादल फटने से बड़े पैमाने पर नुकसान की सुचना है। देर शाम सात बजे बादल फटने से डांग गांव के दो गदेरों में उफान आ गया और गांव दोनों तरह से बाढ़ से घिर गया। जिससे आधा दर्जन के करीब घरों में मलबा भर गया। एक घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त है और ग्रामीणों को रात को गांव के स्कूल में शरण लेनी पड़ी। बाढ़ से गांव के कई रास्तों, शौचालयों, गोशालाओं को नुकसान की सुचना हैं। 
ग्राम प्रधान दामोदर नेगी के अनुसार बादल फटने से आये सैलाब  में दस के करीब पैदल पुलिया पूरी तरह से बह गई हैं। वहीँ बड़ी संख्या में डांग और किम्वादी गांव के उपजाऊ खेत धान, झुंगरा, कौदा की फसल समेत बाढ़ में बह गए हैं और बड़ी संख्या में खेतों में मलबा भरने से फसल चौपट हो गयी है। 
डांग के समीपवर्ती गांव जैंती में भी अतिवृष्टि से घरों, गौशालाओं और खेतों को नुकसान की खबर है। डांग के गदेरों के उफान ने किंवाड़ी गांव होते हुए, निचले इलाकों में भारी तबाही मचाई है। किंवाड़ी निवासी रंजीत सिंह की दो भैसों के भी बाढ़ में बहने की सुचना है। इस बाढ़ से क्षेत्र में प्रसिद्ध सांखेश्वर धाम मंदिर के एक हिस्से को भी क्षतिग्रस्त किया है। मंदिर तक जाने वाली पैदल पुलिया भी बाढ़ में बह गयी है। 
*स्यूंसाल में फिर फटा बादल* 
वही मूसलाधार बारिश के बीच शाम लगभग साढ़े सात बजे स्यूंसाल के मल्या गदेरे में बादल फट गया। जिससे मुतरखाल से लेकर तैल्या शेरा तक सैकंडों पेड़, खेत फसल समेत बाढ़ में बह गए। अतिवृष्टि से गांव के कई अन्य गेदरों में भीषण उफान से कई जगह भूस्खलन हुआ जिससे बड़े पैमाने में गांव की जमीन, खेत और फसल कटाव और बहने के चलते तबाह हो गए। 
शुरुआती जानकारी अनुसार,  बादल फटने और अतिवृष्टि से आई आपदा में स्यूंसाल गांव की सैकड़ों नाली खेती की जमीन फसल समेत बह गयी है। साथ में गांव के दो बिजली के खम्बे गिर गए हैं, एक पैदल पुलिया भी बाढ़ की चेपट में आने से क्षतिग्रस्त हैं। वहीँ एक पैदल पुलिया और 300 मीटर मीटर से अधिक मोटर मार्ग आपदा में बह गया है।  इसके अलावा गांव में पुश्ते गिरने से तीन घरों पर गिरने का खतरा मंडरा रहा है और एक दर्जन से ज्यादा गौशालाएं, अनेक पैदल रास्ते भी आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। 
*आपदा, विभागीय लापरवाही की मार झेल रहे स्यूंसाल के ग्रामीण* 
गौरतलब है कि सितम्बर 2021 में भी स्यूंसाल गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची थी। जिससे ग्रामीण दहशत के साये में हैं। पिछली आपदा में हुए नुकसान के लिए प्रभावित ग्रामीणों को प्रशासन की तरह से कोई खास आर्थिक मदद नहीं मिली। दूसरी तरफ, तीन साल से अधिक समय होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने गांव में बनी नई सड़क पर जलनिकासी, पुलिया, कल्वर्ट निर्माण नहीं किया है। 
नई सड़क बनने के दौरान ठेकेदार ने गांव के गदेरों को मलबे से पूरी तरह पाट दिया था। अब ये मलबा बरसात के दौरान गांव के घरों, खेतों को बार-बार भारी नुकसान पहुंचा रहा है। ग्रामीणों ने कई बार लिखित में इस समस्या के बाबत लोक निर्माण विभाग को अवगत किया है। परन्तु विभाग द्वारा इस दिशा में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं  हुई है। जिससे ग्रामीण स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की उदासीनता पर खासे नाराज हैं। 
वहीँ अतिवृष्टि से चौथान के डडोली गांव में भी खेतों, फसलों, रास्तों को नुकसान की सुचना है। डडोली गांव में एक पुलिया भी नाले में आई बाढ़ से बह गई है। फ़िलहाल डांग के ग्रामीणों ने सुबह पांच बजे ही थैलीसैंण प्रशासन को आपदा की सुचना दे दी थी। इसके बाद सुबह लगभग दस बजे आपदा विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम किम्वादी होते हुए डाँग गांव पहुंची और बादल फटने से हुए नुकसान का आकलन कर रही है। जैंती दौरे के उपरांत इस टीम के शाम को स्यूंसाल गांव पहुंचने की खबर है।
#uttrakhand 
#uttrakhandlandslide #uttarakhandfloods #uttarakhanddisaster

चौथान क्षेत्र में अतिवृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त*
*डांग, स्यूंसाल गांव में बादल फटने से भारी तबाही*
*किंवाड़ी, जैंती, डडोली गांव में खेत, पुल बहे*
चौथान समाचार 01 अगस्त 2024
31 जुलाई 2024 की शाम पांच बजे से आठ बजे तक अतिवृष्टि से चौथान क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गनीमत है की अतिवृष्टि से कोई जन हानि नहीं हुई है परन्तु निजी एवं सार्वजनिक सम्पति को खासा नुकसान हुआ है। क्षेत्र को थैलीसैण-नागचुला से जोड़ने वाली मुख्य सड़क जग- जगह क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे यातायात पूरी तरह बाधित है।
इस बीच चौथान पट्टी के डांग और स्यूंसाल गांव में दो जगह बादल फटने से बड़े पैमाने पर नुकसान की सुचना है। देर शाम सात बजे बादल फटने से डांग गांव के दो गदेरों में उफान आ गया और गांव दोनों तरह से बाढ़ से घिर गया। जिससे आधा दर्जन के करीब घरों में मलबा भर गया। एक घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त है और ग्रामीणों को रात को गांव के स्कूल में शरण लेनी पड़ी। बाढ़ से गांव के कई रास्तों, शौचालयों, गोशालाओं को नुकसान की सुचना हैं।
ग्राम प्रधान दामोदर नेगी के अनुसार बादल फटने से आये सैलाब में दस के करीब पैदल पुलिया पूरी तरह से बह गई हैं। वहीँ बड़ी संख्या में डांग और किम्वादी गांव के उपजाऊ खेत धान, झुंगरा, कौदा की फसल समेत बाढ़ में बह गए हैं और बड़ी संख्या में खेतों में मलबा भरने से फसल चौपट हो गयी है।
डांग के समीपवर्ती गांव जैंती में भी अतिवृष्टि से घरों, गौशालाओं और खेतों को नुकसान की खबर है। डांग के गदेरों के उफान ने किंवाड़ी गांव होते हुए, निचले इलाकों में भारी तबाही मचाई है। किंवाड़ी निवासी रंजीत सिंह की दो भैसों के भी बाढ़ में बहने की सुचना है। इस बाढ़ से क्षेत्र में प्रसिद्ध सांखेश्वर धाम मंदिर के एक हिस्से को भी क्षतिग्रस्त किया है। मंदिर तक जाने वाली पैदल पुलिया भी बाढ़ में बह गयी है।
*स्यूंसाल में फिर फटा बादल*
वही मूसलाधार बारिश के बीच शाम लगभग साढ़े सात बजे स्यूंसाल के मल्या गदेरे में बादल फट गया। जिससे मुतरखाल से लेकर तैल्या शेरा तक सैकंडों पेड़, खेत फसल समेत बाढ़ में बह गए। अतिवृष्टि से गांव के कई अन्य गेदरों में भीषण उफान से कई जगह भूस्खलन हुआ जिससे बड़े पैमाने में गांव की जमीन, खेत और फसल कटाव और बहने के चलते तबाह हो गए।
शुरुआती जानकारी अनुसार, बादल फटने और अतिवृष्टि से आई आपदा में स्यूंसाल गांव की सैकड़ों नाली खेती की जमीन फसल समेत बह गयी है। साथ में गांव के दो बिजली के खम्बे गिर गए हैं, एक पैदल पुलिया भी बाढ़ की चेपट में आने से क्षतिग्रस्त हैं। वहीँ एक पैदल पुलिया और 300 मीटर मीटर से अधिक मोटर मार्ग आपदा में बह गया है। इसके अलावा गांव में पुश्ते गिरने से तीन घरों पर गिरने का खतरा मंडरा रहा है और एक दर्जन से ज्यादा गौशालाएं, अनेक पैदल रास्ते भी आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
*आपदा, विभागीय लापरवाही की मार झेल रहे स्यूंसाल के ग्रामीण*
गौरतलब है कि सितम्बर 2021 में भी स्यूंसाल गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची थी। जिससे ग्रामीण दहशत के साये में हैं। पिछली आपदा में हुए नुकसान के लिए प्रभावित ग्रामीणों को प्रशासन की तरह से कोई खास आर्थिक मदद नहीं मिली। दूसरी तरफ, तीन साल से अधिक समय होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने गांव में बनी नई सड़क पर जलनिकासी, पुलिया, कल्वर्ट निर्माण नहीं किया है।
नई सड़क बनने के दौरान ठेकेदार ने गांव के गदेरों को मलबे से पूरी तरह पाट दिया था। अब ये मलबा बरसात के दौरान गांव के घरों, खेतों को बार-बार भारी नुकसान पहुंचा रहा है। ग्रामीणों ने कई बार लिखित में इस समस्या के बाबत लोक निर्माण विभाग को अवगत किया है। परन्तु विभाग द्वारा इस दिशा में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिससे ग्रामीण स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की उदासीनता पर खासे नाराज हैं।
वहीँ अतिवृष्टि से चौथान के डडोली गांव में भी खेतों, फसलों, रास्तों को नुकसान की सुचना है। डडोली गांव में एक पुलिया भी नाले में आई बाढ़ से बह गई है। फ़िलहाल डांग के ग्रामीणों ने सुबह पांच बजे ही थैलीसैंण प्रशासन को आपदा की सुचना दे दी थी। इसके बाद सुबह लगभग दस बजे आपदा विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम किम्वादी होते हुए डाँग गांव पहुंची और बादल फटने से हुए नुकसान का आकलन कर रही है। जैंती दौरे के उपरांत इस टीम के शाम को स्यूंसाल गांव पहुंचने की खबर है।
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